इस लेख में शादी के सात वचन इन हिंदी PDF डाउनलोड करने का लिंक दे रहा हूं इसे आप अपने मोबाइल फोन में आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं और शादी के सात वचन के बारे में अच्छी तरह से पढ़ सकते हैं और समझ सकते हैं।
शादी के सात वचन हमारे भारतीय संस्कृति में बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। यह वचन दो जीवों को एक साथ जोड़ते हैं और उन्हें एक दूसरे के साथ बंधन में बांधते हैं।
विवाह के समय पंडित वेद मंत्रों का उच्चारण करते हुए शादी के सात वचन के बारे में बताते हैं और जोड़े को शादी के सात जन्मों तक साथ रहने का आश्वासन देते हैं।
शादी के सात वचन इन हिंदी PDF Overview
PDF Name | शादी के सात वचन इन हिंदी PDF |
No. of Pages | 7 |
PDF Size | 0.24 MB |
Language | Hindi |
Source | pdfsfile.com |
Download Link | Available ✔ |
Downloads | 100 |
सभी देवताओं के गायत्री मंत्र pdf | पंडित जी के हवन की सामग्री की पर्ची |
हवन सामग्री की लिस्ट pdf | श्री सूक्त के 16 मंत्र PDF Download |
शादी के सात वचन क्या हैं?
शादी के सात वचन हमेशा याद रखे जाने वाले उन सात शपथों को कहते हैं जो दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे से लेते हैं। ये सात वचन इस प्रकार हैं।
- एकम् त्वम् द्वितीयम्
- अहं प्रथमं त्वम् द्वितीयम्
- द्वौ अस्तौ प्रजाकामाय
- रूपं ते अस्य सौ जाने
- यज्ञे त्वम् अवधारयामि
- प्रजातन्तुं महाव्रतम्
- त्रिसप्तकृत्वो महाव्रतम्
एकम् त्वम् द्वितीयम्:
“एकम् त्वम् द्वितीयम्” का अर्थ होता है “एक तुम, दूसरा कोई नहीं”। यह वाक्य संस्कृत में होता है और इसका अर्थ है कि जीवन में हमें एक ही जीवनसाथी को चुनना चाहिए
जिससे हम अपनी जिंदगी का सफर साथ बिता सकें। यह वाक्य शादी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है जैसा कि हम शादी के सात वचनों के महत्व के बारे में जानते हैं।
अहं प्रथमं त्वम् द्वितीयम्:
“अहं प्रथमं त्वम् द्वितीयम्” का अर्थ होता है “मैं पहला, तुम दूसरा”। यह वाक्य भी संस्कृत में होता है और इसका अर्थ है कि एक सम्बन्ध में दो व्यक्तियों में हमेशा एक व्यक्ति को पहला स्थान दिया जाना चाहिए और दूसरा व्यक्ति उसके बाद में आता है।
इस वाक्य का उपयोग भी शादी के समय पर जाना जाता है जब दोनों व्यक्तियों के बीच एक नया संबंध शुरू होता है। यह वाक्य शादी में विवाहित जोड़े के बीच एक नया संबंध शुरू होने का भी संकेत करता है।
द्वौ अस्तौ प्रजाकामाय:
यह शादी के सात वचन भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण वाक्य है जिसे विवाह के समय उच्चारित किया जाता है। यह शादी की शुरुआत के समय उच्चारित होता है और इससे दो जीवन साथियों के बीच समझौता होता है कि वे संगठित रहेंगे और एक दूसरे का सम्मान करेंगे।
रूपं ते अस्य सौ जाने:
यह एक शादी के सात वचन है जो विवाहित जोड़े द्वारा उत्तर दिया जाता है। इस वचन में दूल्हा अपनी दुल्हन को कहता है कि उसे उसकी पूरी शारीरिक और मानसिक स्थिति का ज्ञान है और वह उसके साथ शारीरिक रूप से संयुक्त होती है।
यज्ञे त्वम् अवधारयामि:
यह भी शादी के सात वचनों में से एक है। इस वचन में दूल्हा अपनी दुल्हन से कहता है कि वह उसकी साथ शारीरिक और मानसिक भावों को बढ़ावा देगी और वह उसकी सभी दुखों को अपने ऊपर लेकर उससे साझा करेगी।
यह वचन दोनों जीवनसाथियों के बीच एक-दूसरे के साथ बढ़ती हुई जिम्मेदारियों को दर्शाता है।
प्रजातंतुं महाव्रतम्:
यह शादी के सात वचनों में से एक वचन है। इस वचन का अर्थ होता है कि अपने संतानों के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी का भाव रखना एक महान धर्म है। यह वचन शादी के समय जोड़े द्वारा प्रतिज्ञा किया जाता है
कि वे एक दूसरे की और अपनी संतानों की पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। इस वचन से समझ में आता है कि विवाह के बाद संतानों को संभालना और उनकी पालन-पोषण के लिए जिम्मेदारी लेना एक प्रमुख धर्म है।
त्रिसप्तकृत्वो महाव्रतम्:
शादी के सात वचनों में से आखिरी वचन होता है “त्रिसप्तकृत्वो महाव्रतम्”। इस वचन में दो प्रत्यय हैं। “त्रिसप्त” का अर्थ होता है “तिस सात” और “कृत्वो” का अर्थ होता है “भूत कर्म करना”। इस वचन का अर्थ होता है
कि विवाहीत जोड़े को तीस सात भूतकाल में सभी कर्मों को करने का वचन दिया जाता है। यह वचन दोनों पति-पत्नी द्वारा कहा जाता है।
इस वचन में “त्रिसप्तकृत्वो” शब्द से स्पष्ट होता है कि विवाह के सात फेरों के बाद, विवाहित जोड़े को तीस सात भूतकाल में समस्त कर्म करने का वचन दिया जाता है।
इसका अर्थ है कि जोड़ा समझदारी और धैर्य से अपने साथी के साथ जीवन भर के सभी कर्मों का सम्मान करेगा। वह अपने वचनों के अनुसार जीवन भर के समस्त कर्म करेगा।
इस वचन में “महाव्रतम्” शब्द से स्पष्ट होता है कि यह वचन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस वचन का अधिकार शास्त्रों द्वारा प्रतिपादित माना जाता है।
शादी के सात वचन और उनका महत्व
शादी एक सगाई होती है, जिसमें दो व्यक्ति एक दूसरे से वचन लेते हैं कि वे एक दूसरे के साथ जीवन भर के लिए एक होंगे। शादी के सात वचन भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
यह शादी के दौरान दो व्यक्तियों के बीच संबंधों और विश्वास को मजबूत करता है। इस लेख में, हम शादी के सात वचनों के महत्व को विस्तार से देखेंगे।
शादी के सात वचनों के फायदे
भरोसा बढ़ता है :-
शादी के सात वचन एक आदर्श जीवन साथी के रूप में आपसी भरोसा बढ़ाते हैं। जब आप अपने जीवन साथी से सात वचन लेते हैं, तो आप एक दूसरे पर पूर्ण विश्वास रखते हैं कि आप एक दूसरे के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। इससे आपके रिश्ते मजबूत होते हैं और आप एक दूसरे को समझने में सक्षम होते हैं।
उत्साह बढ़ता है :-
शादी के सात वचन लेने से पहले, जोड़ा अपने जीवन के अगले अध्याय के लिए उत्साहित होता है। सात वचनों के महत्व को समझने से, जोड़ा अपने साथी के साथ एक मजबूत भावनात्मक बंधन बनाते हैं। इस उत्साह की वजह से जोड़ा अपने जीवन के हर मोड़ पर एक दूसरे का साथ देते हैं।
संतुलित जीवन :-
शादी के सात वचनों के पालन से जीवन संतुलित होता है। साथ ही यह दोनों जीवनसाथियों को एक दूसरे के साथ सहयोग करने की शिक्षा देते हैं।
दृढ़ता :-
शादी के सात वचनों का पालन करने से जीवनसाथी एक दूसरे के साथ दृढ़ता से जुड़ जाते हैं। इससे वे अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।
समझदारी :-
शादी के सात वचनों का पालन करने से जीवनसाथियों के बीच समझदारी बढ़ती है। वे एक दूसरे की भावनाओं को समझते हैं और समझौते के रास्ते ढूंढते हैं।
प्रेम और श्रद्धा :-
शादी के सात वचनों का पालन करने से जीवनसाथी एक दूसरे के प्रति प्रेम और श्रद्धा का भाव रखते हैं।
संतुलित विकास :-
इस वचन में जोड़ी को संयुक्त जीवन में संतुलित विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस वचन के अनुसार, जोड़ी को समानता के साथ अपने संयुक्त जीवन को जीना चाहिए।
दोनों पार्टनर को अपने संयुक्त जीवन में आगे बढ़ने के लिए सहयोग करना चाहिए। इस वचन को अपनाने से जोड़ी के बीच सम्बंध स्थिर रहते हैं और उनका संयुक्त जीवन सफल होता है।
शादी के सात वचन इन हिंदी PDF Download
शादी के सात वचन इन हिंदी PDF Download अभी तक नहीं किए है तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन के लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।
यदि शादी के सात वचन इन हिंदी पीडीएफ डाउनलोड करने में किसी भी तरह का कोई समस्या हो रहा है तो कमेंट बॉक्स में हमें बता सकते हैं हम सलूशन जरूर देंगे।
FAQs
क्या सात वचन सिर्फ हिंदू विवाह में होते हैं?
नहीं, सात वचन सभी धर्मों में विवाह सम्बन्धित रीति-रिवाजों में होते हैं।
सात वचनों के कुछ और उदाहरण हैं?
जी हाँ, सात वचनों के अलावा भी विवाह सम्बन्धित कुछ अन्य वचन होते हैं जैसे शगुन वचन, मंगलसूत्र वचन, कन्यादान वचन आदि।
क्या सात वचन विवाह की एक अनिवार्य शर्त हैं?
हाँ, सात वचन विवाह सम्बंधित रीति-रिवाजों में अनिवार्य होते हैं।
सात वचन शादी में क्यों जरूरी होते हैं?
सात वचन शादी में जोड़ी के बीच भावनाएं और विश्वास को मजबूत करते हैं जो उनके संयुक्त जीवन को सफल बनाते हैं। इसलिए ये शादी की शुरुआत से ही महत्वपूर्ण होते हैं।
क्या सात वचनों को बदला जा सकता है?
हाँ, जोड़ी के अनुसार सात वचन को उनकी इच्छा और स्थिति के अनुसार बदला जा सकता है। लेकिन इसे बदलने से पहले दोनों जीवन साथी उसे अच्छी तरह से समझें और समझौता करें।
निष्कर्ष (conclusion)
इस लेख में हमने शादी के सात वचनों के बारे में विस्तार से जाना। और साथ ही शादी के सात वचन इन हिंदी PDF भी दिया है। शादी के सात वचन न केवल दो लोगों को एक दूसरे से बंधते हैं,
बल्कि उन्हें दोनों के बीच एक समझौता भी बनाते हैं। ये वचन संबंधों को एक नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं और इन्हें एक दूसरे के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।
इसलिए, हमें अपने विवाह के समय इन वचनों को सच्चाई से मानना चाहिए। अगर हम इन वचनों के महत्व को समझते हैं तो हम अपने विवाह को सफल बना सकते हैं।