आज के इस लेख में हम आपको श्री सूक्त के 16 मंत्र PDF देने वाले हैं जो आप बहुत आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
श्री सूक्त के 16 मंत्र PDF Download करने से आप इस मंत्र को आसानी से पढ़ सकते हैं और इस मंत्र का जाप करके श्रीलक्ष्मी के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।
श्री सूक्त हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण मंत्र है। इस मंत्र को रचना करने वाले ऋषि वेद व्यास हैं। यह मंत्र श्रीलक्ष्मी की आराधना के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
यह मंत्र धन, समृद्धि, ऐश्वर्य, सुख, समृद्धि और सफलता को प्राप्त करने में मदद करता है। इस मंत्र का जाप करने से श्रीलक्ष्मी आपकी कृपा करती हैं और आपको आर्थिक रूप से समृद्ध करती हैं।
PDF Name | श्री सूक्त 16 मंत्र Pdf | Sri Suktam 16 Mantra PDF |
No. of Pages | 8 |
PDF Size | 0.20 MB |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | lyricsset.com |
Download Link | Available ✔ |
Downloads | 5000+ |
श्री सूक्त 16 मंत्र क्या है ?
श्री सूक्त 16 मंत्र, वेदों में पाया जाने वाला एक प्रसिद्ध मंत्र है जो देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पढ़ा जाता है। यह एक संक्षिप्त मंत्र होता है, जिसमें 16 शब्द होते हैं और इसे पढ़ने से धन, समृद्धि, सुख, सम्पत्ति और सफलता की प्राप्ति होती है।
इस मंत्र को पढ़ने से लोग धन के साथ साथ मानसिक शांति भी प्राप्त करते हैं। श्री सूक्त 16 मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के मन में शांति का अनुभव होता है और उसकी मनोकामनाएं पूरी होने लगती हैं।
श्री सूक्त के 16 मंत्र
1- ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
2- तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।।
3- अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।
श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।
4- कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।
पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।
5- चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।
तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।
6- आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।
7- उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।
8- क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।
9- गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।
ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।
10- मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।
11- कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।
श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।
12- आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।
नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।
13- आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
14- आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।
15- तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।
16- य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।
सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।
।। इति समाप्ति ।।
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श्री सूक्त के 16 मंत्र Pdf Download
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श्री सूक्त 16 मंत्र का जाप
श्री सूक्त 16 मंत्र का जाप करने के लिए सबसे पहले आपको ध्यान से बैठना चाहिए। फिर अपने मन को शांत करें और श्री सूक्त के मंत्रों का उच्चारण करना शुरू करें।
आप श्री सूक्त के मंत्रों का जाप किसी भी समय कर सकते हैं। लेकिन सबसे उत्तम समय जाप के लिए सुबह सूर्योदय के समय होता है। सबसे अच्छा तरीका है कि आप श्री सूक्त का जाप एक अलग कमरे में बैठ कर करें।
श्री सूक्त के मंत्रों का जाप करने के लिए आपको अपने दाहिने हाथ के अंगुठे को अपने अंगूठे के नीचे रखना होता है। फिर आपको एक स्थिर ध्यान में बैठना होता है और श्री सूक्त के मंत्रों का जाप शुरू करना होता है।
जाप करने के दौरान अपने ध्यान को मंत्रों के ऊपर लगायें और ध्यान से सुनते जाएं। अगर आपको इन मंत्रों का अच्छी तरह से उच्चारण नहीं आता है
तो आप श्री सूक्त के मंत्रों को बिना गलती के उच्चारित करने के लिए किसी गुरु या पंडित की मदद ले सकते हैं।
श्री सूक्त के 16 मंत्र का महत्व
श्री सूक्त के 16 मंत्र का महत्व बहुत अधिक है। इन मंत्रों को जपने से हमें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। ये मंत्र धन, सुख, समृद्धि, स्वस्थता और शक्ति का स्रोत माने जाते हैं।
श्री सूक्त के मंत्रों का जाप अग्नि साधना के समान होता है। इससे हमारे शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और हमारा मन शांत होता है।
इन मंत्रों का जाप करने से हमारी शक्ति बढ़ती है और हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। श्री सूक्त में समस्त देवताओं की प्रशंसा की गई है
और इसके जप से हम देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। श्री सूक्त के मंत्रों के जप से हम भगवान लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करते हैं और हमारे जीवन में समृद्धि आती है।
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FAQs
श्री सूक्त 16 मंत्र का उच्चारण किस समय किया जाना चाहिए?
श्री सूक्त 16 मंत्र का उच्चारण सुबह-सुबह और संध्या के समय किया जाना चाहिए।
श्री सूक्त 16 मंत्र को कितने दिनों तक जप करना चाहिए?
श्री सूक्त 16 मंत्र को 11 दिन तक जप किया जा सकता है।
श्री सूक्त 16 मंत्र को कितनी बार जप करना चाहिए?
श्री सूक्त 16 मंत्र को कम से कम 108 बार जप किया जाना चाहिए।
क्या श्री सूक्त 16 मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य सुधरता है?
हाँ, श्री सूक्त 16 मंत्र का जप करने से शरीर का और मन का संतुलन बना रहता है और स्वास्थ्य सुधरता है।
क्या श्री सूक्त 16 मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती है?
हाँ, श्री सूक्त 16 मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सुख, समृद्धि, सम्पत्ति और सफलता की प्राप्ति होती है।
श्री सूक्त 16 मंत्र की पीडीएफ कैसे डाउनलोड की जा सकती है?
श्री सूक्त 16 मंत्र की पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स उपलब्ध हैं
निष्कर्ष (conclusion)
इस लेख के माध्यम से हमने जाना कि श्री सूक्त के 16 मंत्र का महत्व क्या होता है और इसके लाभ क्या-क्या होते हैं। हमने यह भी देखा कि श्री सूक्त के मंत्र को कैसे जपा जाता है और इसके जप से कौन से लाभ होते हैं।
श्री सूक्त के 16 मंत्र को ध्यान से जप करने से हमारी आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है और हमारे जीवन में सुख शांति आती है। यदि आप भी श्री सूक्त के मंत्र का जप करना चाहते हैं
तो आप इन मंत्रों को ध्यान से पढ़कर याद कर सकते हैं या फिर आप इन मंत्रों के PDF फाइल को डाउनलोड कर सकते हैं।